119 BNS in Hindi – बीएनएस की धारा 119 क्या है? (सजा व जमानत के प्रावधान) Earlier 332 IPC

धारा 119 भारतीय न्याय संहिता में एक महत्वपूर्ण धारा है जो सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। यह धारा उन मामलों को शामिल करती है जहां कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को उसकी ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाता है, या उसके कार्य को अवरुद्ध करने का प्रयास करता है, या उसकी ड्यूटी के निष्पादन में रुकावट डालने की कोशिश करता है। इस लेख में, हम 119 BNS in Hindi के बारे में जानेंगे। हम इस धारा में जमानत प्रावधानों और अदालती कार्यवाही से निपटने के लिए वकीलों की आवश्यकता के बारे में भी जानेंगे।

धारा 119 के प्रावधान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत किसी सार्वजनिक सेवक को चोट पहुंचाता है, तो उसे कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है। इससे न केवल सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा मजबूत होती है, बल्कि यह भारतीय समाज में अपराधों के खिलाफ भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

आईपीसी की धारा 332 अब बीएनएस की धारा 119 है।

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119 BNS in Hindi

धारा 119 BNS क्या है? – 119 BNS in Hindi 

धारा 119 भारतीय न्याय संहिता में एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। यह धारा उन मामलों को शामिल करती है जहां कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को उसकी ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाता है, या उसके कार्य को अवरुद्ध करने का प्रयास करता है, या उसकी ड्यूटी के निष्पादन में रुकावट डालने की कोशिश करता है। इसके अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत किसी सार्वजनिक सेवक को चोट पहुंचाता है, तो उसे कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है।

इस धारा के प्रावधान के अनुसार, व्यक्ति को दंडित किया जाता है जो सार्वजनिक सेवक को हमला करता है, चाहे वह अवधिज्ञ या अनभिज्ञ हो। यह प्रावधान सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा मजबूत करता है और समाज में विश्वास बनाए रखने में मदद करता है। इससे न केवल सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा होती है, बल्कि यह भारतीय समाज में अपराधों के खिलाफ भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

119 का अपराध साबित करने के लिए कुछ मुख्य बिंदु: Section 119 BNS Essentials

119 का अपराध साबित करने के लिए कुछ मुख्य बिंदु:

  1. सार्वजनिक सेवक के साथ चोट पहुंचाना: यह धारा उन मामलों को कवर करती है जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को उसकी कार्यप्रणाली के दौरान चोट पहुंचाता है।
  2. सार्वजनिक सेवक के कार्य को अवरुद्ध करना: अगर किसी व्यक्ति ने सार्वजनिक सेवक के कार्य को अवरुद्ध किया या रोका है, तो भी वह 119 (119 BNS in Hindi) के तहत दंडित हो सकता है।
  3. सार्वजनिक सेवक के निष्पादन में रुकावट: अगर कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक सेवक के कार्य को कोई भी तरीके से रोकता है ताकि उसका काम न हो सके, तो भी उसे 119 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
  4. इंटेंट या मोटिवेशन: यह अपराध केवल उस समय आपातकाल में ही नहीं होता है, जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को अपने मोटिवेशन से हमला करता है, बल्कि जब उसका इंटेंट होता है कि वह सार्वजनिक सेवक को उसकी कार्यप्रणाली से हटा दे।

119 के अंतर्गत यह बिंदुओं से स्पष्ट होता है कि यह धारा न केवल सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, बल्कि समाज में विश्वास और न्याय की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

धारा 119 की सरल व्याख्या

  • धारा 119 भारतीय न्याय संहिता में सार्वजनिक सेवकों को सुरक्षित रखने का प्रावधान है।
  • अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को उसकी ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाता है, तो वह धारा 119 के अंतर्गत दंडित हो सकता है।
  • इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक के कार्य को अवरुद्ध करता है, तो भी उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 119 के प्रावधान के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को उसकी ड्यूटी के निष्पादन में रुकावट डालता है, तो भी वह दंडित हो सकता है।
  • इस धारा के अंतर्गत, दंड की सजा अवधिज्ञता या अनभिज्ञता के आधार पर हो सकती है।

धारा 119 में सजा का प्रावधान! – Punishment under Section 119 BNS in Hindi 

धारा 119 में सजा का प्रावधान विस्तार से किया गया है।

  1. चोट पहुंचाने की सजा:
    • यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को उसकी ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाता है, तो उसे पांच वर्ष तक की कैद, या धनराशि, या दोनों के साथ दंडित किया जाता है।
  2. गंभीर चोट पहुंचाने की सजा:
    • यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवक को उसकी ड्यूटी के दौरान गंभीर चोट पहुंचाता है, तो उसे एक से दस वर्ष तक की कैद और धनराशि का भी दंड प्राप्त होता है।
  3. दंड का निर्धारण:
    • दंड का निर्धारण अवधिज्ञता या अनभिज्ञता के आधार पर किया जाता है।
    • अपराधी की पूर्व अपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसे तया जाता है।
  4. कैद और धनराशि:
    • अपराधी को कैद की सजा या धनराशि का भुगतान करना पड़ता है, जो न्यायिक निर्णय के आधार पर तय की जाती है।
    • यह सजा कानूनी प्रक्रिया के अनुसार होती है और न्यायिक निर्णय के आधार पर दी जाती है।

धारा 119 (119 BNS in Hindi) के प्रावधान सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है और अपराधियों को उनके अपराधों के लिए सख्त सजा देने का कारण बनता है।

धारा 119 BNS के अंतर्गत जमानत का प्रावधान : Bail Under Section 119 BNS in Hindi

धारा 119 भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत जमानत का प्रावधान नहीं है। इस धारा के तहत, अपराधी को जमानत नहीं मिलती है, जिसका मतलब है कि आपको जेल से रिहाई के लिए अदालत में अर्ज़ी करनी होगी। जमानत या रिहाई की यह प्रक्रिया अपराध के तथ्य और परिस्थितियों पर न्यायिक अधिकार की विवेकाधीनता पर निर्भर करेगी।

इसके साथ ही, धारा 119 एक प्राविणीय धारा है, जिसका अर्थ है कि पुलिस अधिकारी को आपको गिरफ्तार करने के लिए वारंट की आवश्यकता नहीं होती है। वे सीधे आपको गिरफ्तार कर सकते हैं।

इस तरह, धारा 119 एक संज्ञेय और गंभीर धारा है, जो सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। इसके अनुसार किये गए अपराध के लिए अपराधी को न्याय मिलना चाहिए और उसे सख्त सजा का हिसाब देना चाहिए।

क्या हमें धारा 119 के तहत वकील की आवश्यकता है? यह निम्नलिखित कारणों पर निर्भर करता है:

  1. कानूनी ज्ञान की अभाव: धारा 119 के प्रावधान और कानूनी प्रक्रिया में जानकारी का अभाव हो सकता है, जिसके लिए एक वकील की मदद आवश्यक होती है।
  2. वकील की सलाह की आवश्यकता: अपराध के अध्ययन, मुकदमे की रणनीति बनाने और कोर्ट में प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील की सलाह की आवश्यकता होती है।
  3. कोर्ट में प्रतिनिधित्व: कोर्ट में अपने मामले की प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील की जरूरत होती है ताकि आपके अधिकारों की रक्षा हो सके।

संदर्भ में, धारा 119 (119 BNS in Hindi) के तहत मुकदमेबाजी के दौरान एक वकील की सहायता आवश्यक हो सकती है। अनुभवी वकीलों से मदद लेने के लिए यहां क्लिक करें

निष्कर्ष (Conclusion) 

इस लेख में हमने भारतीय न्याय संहिता की धारा 119 के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया है। यह धारा सार्वजनिक सेवकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और उसे उनके कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक निभाने का संदेश देती है। इस धारा के अंतर्गत किये गए अपराधों को गंभीरता से लिया जाता है और उसके उच्चतम प्रावधानों के तहत दंड भी निर्धारित किया जाता है।

धारा 119 के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक सेवक के साथ अत्याचार या उसके सुरक्षा की धमकी देने पर सख्त दंड मिलता है, जो उसकी संज्ञाना और सजगता को बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है।

इस लेख से, हमें धारा 119 (BNS 119 in Hindi)के महत्व और उसके प्रावधानों की महत्वपूर्णता का ज्ञान मिला है। इसका पालन करने से हम समाज में सार्वजनिक सेवकों के साथ सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।

119 BNS was 332 IPC Earlier

आईपीसी की धारा 332 अब बीएनएस की धारा 119 है।

IPC की धारा 332 अब BNS की धारा 119 है।

Section 332 of IPC is now Section 119 of Bhartiya Nyaya Sanhita.

Section 332 of the Indian Penal code is now Section 119 of Bhartiya Nyaya Sanhita. भारतीय दंड संहिता की धारा 332 अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 119 है।


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