भारतीय दंड संहिता की धारा 482 के अनुसार, जो भी व्यक्ति नकली चिह्न या संपत्ति चिह्न बनाता है, या उसे जानते हुए भी किसी अन्य के वास्तविक चिह्न या संपत्ति चिह्न के रूप में प्रयोग करता है, उसे धारा 482 के तहत अपराधी माना जाता है। इस लेख में हम आईपीसी की धारा 482 (482 IPC in Hindi) पर गौर करेंगे। हम सजा और जमानत से संबंधित प्रावधानों के बारे में भी जानेंगे।
इसमें इरादा का महत्व होता है, यानी अपराधी को या तो नकली चिह्न को वास्तविक मानने का इरादा होता है, या फिर उसे अन्य लोगों के द्वारा वास्तविक माना जाने का इरादा होता है। इस अपराध का दंड एक साल तक की कैद या जुर्माना तक हो सकता है। यह एक जानकारीय अपराध है, जिसमें पुलिस बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार कर सकती है। यह अपराध जमानती होता है, यह समझौता करने योग्य अपराध होता है।
यह एक गैर संज्ञेय अपराध है, जिसमें पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती है, लेकिन बेल के लिए अपराधी आसानी से आवेदन कर सकता है। इस अपराध में सजा जानने से पहले आइए जानते हैं कि अपराध क्या है। इसके लिए हमें भारतीय दंड संहिता की धारा 481 को देखना होगा।
आईपीसी की धारा 481 क्या है? 482 IPC in Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 481 नकली संपत्ति चिह्न के विरुद्ध अपराध का प्रावधान करती है। इस धारा के अनुसार, जो भी व्यक्ति अन्य के संपत्ति चिह्न का नकली उपयोग करता है या उसे नकली चिह्न के रूप में बनाता है, उसे धारा 481 के अंतर्गत अपराधी माना जाता है। अपराधी को इसे जानकर या अनजाने में किया गया हो, यह कोई फर्क नहीं पड़ता। धारा व्यापक रूप से संपत्ति चिह्नों के उपयोग को शामिल करती है, जैसे ट्रेडमार्क, लोगो, या वस्त्र चिह्न। यह अपराध एक गंभीर अपराध होता है, जिसके लिए कार्रवाई के लिए न्यायिक दंड प्रावधान है।
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धारा 482 क्या है?
धारा 482 के अनुसार, जो भी किसी नकली चिह्न या नकली संपत्ति चिह्न बनाता है, जिसका उद्देश्य हो कि वह वास्तविक चिह्न या संपत्ति चिह्न के रूप में प्रयोग किया जाए, या जानकर किसी ऐसे चिह्न या संपत्ति चिह्न का उपयोग करता है जिसका उद्देश्य हो कि लोग वास्तविक चिह्न या संपत्ति चिह्न मानें, उसे कहते हैं कि यह धारा के तहत अपराध का कारण है।
धारा 482 का विवरण
- नकली चिह्न या संपत्ति चिह्न बनाना: यह मतलब है कि ऐसा चिह्न बनाया जाता है जो वास्तविक नहीं है।
- नकली चिह्न या संपत्ति चिह्न का उपयोग करना: इसका मतलब है कि ऐसे चिह्न का ज्ञाता उपयोग करना जो अन्यों को धोखा देने का उद्देश्य है।
धारा 482 में उद्देश्य की आवश्यकता
धारा में शामिल व्यक्ति की इच्छा को जोर दिया गया है। अपराधी को या तो उसका इरादा होना चाहिए कि नकली चिह्न को वास्तविक रूप में प्रयोग किया जाए, या फिर उसका इरादा होना चाहिए कि अन्य लोग उसे वास्तविक मानें।
नकली संपत्ति चिह्न के उदाहरण
- नकली ट्रेडमार्क: माल या सेवाओं को पहचानने के लिए उपयोग किए जाने वाले चिह्न या प्रतीक, जैसे लोगो या ब्रांड नाम, जो वास्तविक रूप से उस उत्पाद से संबंधित नहीं हैं।
- नकली संपत्ति पहचान चिह्न: संपत्ति के स्वामित्व की पहचान के लिए उपयोग किए जाने वाले चिह्न, जैसे सीरियल नंबर या टैग, जो कि नकली रूप से लगाए गए हैं।
धारा 482 में सजा का प्रावधान: Punishment under Section 482 IPC in Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 482 के अनुसार, जो व्यक्ति नकली चिह्न या संपत्ति चिह्न बनाता है या उसे जानते हुए भी किसी अन्य के वास्तविक चिह्न या संपत्ति चिह्न के रूप में प्रयोग करता है, उसे धारा 482 के तहत अपराधी माना जाता है।
यह अपराध एक साल तक की कैद या जुर्माना के साथ दंडित किया जाता है। सजा के रूप में, अपराधी को या तो एक साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों मिल सकते हैं।
धारा 482 अपराधी को जमानत योग्य बनाता है, लेकिन यह अपराध जमानती है। इसे नकली चिह्नों और प्रॉपर्टी मार्कों के गलत प्रयोग को रोकने के लिए बनाया गया है और इससे दोषियों को सजा होती है जो इस तरह की धोखाधड़ी करते हैं।
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- 123 BNS in Hindi – बीएनएस की धारा 123 क्या है? (सजा व जमानत के प्रावधान) Earlier 338 IPC - June 3, 2025
- 106 BNS in Hindi – बीएनएस की धारा 115 क्या है? (सजा व जमानत के प्रावधान) Earlier 306 IPC - May 14, 2025
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